उत्तराखण्ड में डिग्री शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के बारे में उच्च शिक्षा मंत्रालय के स्तर से गठित समिति बहुत शीघ्र अपनी रिपोर्ट शासन को पेश करेगी। समिति ने यूजीसी के निर्देशों और विभिन्न राज्यों में उठाए गए कदमों के आधार पर आयु सीमा बढ़ाने पर सहमति जता दी है।
उत्तराखण्ड के डिग्री शिक्षक लंबे समय से यूजीसी के निर्देशों के अनुसार आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की मांग कर रहे हैं। इस बाबत उच्च शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति उपाध्यक्ष डा. बालेश्वर पाल की अध्यक्षता में समिति गठित कर चुके हैं। समिति की उच्च शिक्षा के शिविर कार्यालय में आयोजित बैठक में आयु सीमा बढ़ाने पर सहमति बनी। समिति ने इस संबंध में कई राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन भी किया।
बैठक में बताया गया कि मध्य प्रदेश उक्त संबंध में शासनादेश जारी कर चुका है। कर्नाटक, झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ ही उप्र में उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की गई। कई राज्यों में हाईकोर्ट ने यूजीसी के निर्देशों को लागू करने को भी कहा है। यह तय हुआ कि विभिन्न राज्यों में लागू व्यवस्था का अध्ययन कर रिपोर्ट जल्द तैयार कर शासन के सुपुर्द की जाएगी। यह रिपोर्ट अगले हफ्ते शासन को सौंपने की तैयारी है। इस संबंध में समिति की उच्च शिक्षा सचिव के साथ बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक शासन को रिपोर्ट सौंपने के बाद इस आधार पर प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। बैठक में समिति अध्यक्ष डा पाल, सदस्य सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक डा. एमसी त्रिवेदी, समिति सदस्यों में डा. सुधीर गैरोला, डा. अरोड़ा, डा. जीएस रजवार और डा. बीएन शर्मा शामिल थे।
Sunday, July 10, 2011
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