महाविद्यालयों को चार श्रेणी में बांटने को फुगटा लामबंद
उत्तरकाशी, जागरण कार्यालय : प्रदेश सरकार की महाविद्यालयों के लिए स्थानांतरण अधिनियम में सुगम दुर्गम के तौर पर किया वर्गीकरण महाविद्यालयों के शिक्षकों के गले नहीं उतर रहा है। शिक्षकों की मांग है कि स्थानांतरण के लिए सूबे को चार श्रेणियों में बांटा जाए।
शुक्रवार को उत्तराखंड राजकीय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुगटा) की जिला इकाई ने बैठक कर सूबे के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन भेज कर मांग की है। बैठक में जिला इकाई के अध्यक्ष डॉ. डीसी गोस्वामी ने कहा कि वर्तमान अधिनियम में पर्वतीय क्षेत्र के जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालयों समेत पर्वतीय क्षेत्र के अन्य महाविद्यालयों को भी ऋषिकेश, डोईवाला, हल्द्वानी, रामनगर जैसी सुगम श्रेणी में रखा है। उन्होंने अधिनियम में इस प्रावधान को विषम एवं कठिन परिस्थितियों में कार्य करने वाले कार्मिकों की भावना के साथ खिलवाड़ करार दिया है। नए स्थानांतरण अधिनियम में केवल सुगम व दुर्गम श्रेणी में महाविद्यालयों को वर्गीकृत किया गया है, जबकि शिक्षकों ने मांग की है कि पूरे सूबे के महाविद्यालयों के वर्गीकरण के लिए समुद्र तल से ऊंचाई, राजधानी मुख्यालय से दूरी, स्वास्थ्य, आवागमन एवं शिक्षा के आधार पर अति सुगम, सुगम, दुर्गम और अतिदुर्गम श्रेणी में विभाजित किया जाए। बैठक में इन मांगों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में कई वर्षो से कार्यरत प्राध्यापकों को मैदानी क्षेत्रों के सुगम स्थान में स्थानांतरण की मांग को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एवं निदेशक उच्च शिक्षा को ज्ञापन भेजा है। महासंघ की बैठक में डॉ. मुक्तिनाथ यादव, डॉ. अरुण कुमार अग्रवाल, डॉ. महावीर रावत, डॉ. मुरलीधर कुशवाहा, डॉ. अरविंद सिंह, डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा, डॉ. सुबास चंद्र कुशवाहा, डॉ. सुमिता श्रीवास्तव समेत अन्य लोग मौजूद थे।
Saturday, March 3, 2012
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