Sunday, October 2, 2011

UGC steps in to reform higher education, orders lecturers on contract to qualify NET

UGC steps in to reform higher education, orders lecturers on contract to qualify NET
Posted on: 17 Jul 2011

Dehradun: The latest decision of the University Grant Commission (UGC) to regulate the appointment of lecturers in colleges has come as a mixed baggage.

While the higher education regulator has directed all the lecturers, including those working on a contract basis, who have joined colleges after 2010 on the basis of their PhD degrees to clear NET within a year, it has directed the government to pay the contracted lecturer a similar salary paid to a regular lecturer.

While the hiked salary would bring cheers on the faces of lecturers working on contract, they also stand a chance of losing their job if they do not clear NET this year.

With an aim to reform higher education, the UGC issued direction in this regard on July 6 for all the colleges and universities nationwide.
The state Universities would also face the brunt of the new directions of the UGC. Around 500 teachers are likely to be affected by the new direction of the Commission in Uttarakhand alone.
C S Mehta, Registrar of Uttarakhand Technical University and Uttaranchal Sanskrit University, said, “The University has received UGC letter. These directions may prove of great importance for educational reform.
Further strategy would be determined after getting directions from government. Till now, no letter has been received by Technical University. New address would have caused the delay.”

At present, out of 1200 lecturers’ post in Uttarakhand, 1000 posts are on contract basis. However, all the state governments have been directed to employ only 10 percent of the total seats on contract basis.



(JPN/Bureau)

Sunday, July 10, 2011

उत्तराखंड में डिग्री शिक्षकों की आयु सीमा बढ़ाने पर सहमति बन गई

उत्तराखण्ड में डिग्री शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के बारे में उच्च शिक्षा मंत्रालय के स्तर से गठित समिति बहुत शीघ्र अपनी रिपोर्ट शासन को पेश करेगी। समिति ने यूजीसी के निर्देशों और विभिन्न राज्यों में उठाए गए कदमों के आधार पर आयु सीमा बढ़ाने पर सहमति जता दी है।
उत्तराखण्ड के डिग्री शिक्षक लंबे समय से यूजीसी के निर्देशों के अनुसार आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की मांग कर रहे हैं। इस बाबत उच्च शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति उपाध्यक्ष डा. बालेश्वर पाल की अध्यक्षता में समिति गठित कर चुके हैं। समिति की उच्च शिक्षा के शिविर कार्यालय में आयोजित बैठक में आयु सीमा बढ़ाने पर सहमति बनी। समिति ने इस संबंध में कई राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन भी किया।
बैठक में बताया गया कि मध्य प्रदेश उक्त संबंध में शासनादेश जारी कर चुका है। कर्नाटक, झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ ही उप्र में उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की गई। कई राज्यों में हाईकोर्ट ने यूजीसी के निर्देशों को लागू करने को भी कहा है। यह तय हुआ कि विभिन्न राज्यों में लागू व्यवस्था का अध्ययन कर रिपोर्ट जल्द तैयार कर शासन के सुपुर्द की जाएगी। यह रिपोर्ट अगले हफ्ते शासन को सौंपने की तैयारी है। इस संबंध में समिति की उच्च शिक्षा सचिव के साथ बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक शासन को रिपोर्ट सौंपने के बाद इस आधार पर प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। बैठक में समिति अध्यक्ष डा पाल, सदस्य सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक डा. एमसी त्रिवेदी, समिति सदस्यों में डा. सुधीर गैरोला, डा. अरोड़ा, डा. जीएस रजवार और डा. बीएन शर्मा शामिल थे।

Tuesday, April 12, 2011

G.O. of U.P. Government about Career Advancement scheme in University and Colleges



For detail kindly go to http://www.fuputa.org/, a web site of UttarPradesh University College  teachers association.